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लेखनी कहानी -16-Jun-2022 अशांत मन

मन में विचारों का तूफान सा उठा है 
दिल में जज्बातों का कोहराम मचा है 
दिमाग फंस गया है समस्याओं के भंवर में 
झंझावातों से ये मन अशांत हो गया है 

जीवन में आंधी तूफान जब भी आते हैं 
ये अवश्य कुछ न कुछ तोड़ फोड़ जाते हैं 
विचारों का ज्वार भी जब उठता है दिल में
तब बेहिसाब तबाही के निशां छोड़ जाते हैं 

अशांत मन से लिए गए निर्णय ठीक नहीं होते 
दिलों में उठते तूफां किसी को सोने नहीं देते 
जब मन में अन्तर्द्वंद्व का घमासान जारी हो 
तब ऐसे हालात मंजिल तक पहुंचने नहीं देते 

स्थिरचित्त मनुष्य मोक्ष प्राप्त करता है 
गीता का सांख्य योग यही तो कहता है 
सुख दुख में सम भाव , राग द्वेष से दूर 
प्रभु की शरण में जाने से ही तो मिलता है 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
16.6.22 


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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

17-Jun-2022 03:53 PM

बेहतरीन

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Punam verma

16-Jun-2022 10:41 AM

Nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

16-Jun-2022 02:31 PM

💐💐🙏🙏

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